बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की वास्तविकता
समाज के तरीकों ने ही बनाया है बेटी को पराया...! दहेज हो या वह कन्या भूण हत्या....!
अपनों ने ही कहर है ...!
प्राचीन मान्यता:-👇
दहेज प्रणाली एक बहुत प्राचीन प्रथा है है,
प्राचीन में मां बाप अपने बेटी को स्वेच्छा तथा प्रेम से अपनी हैसियत के अनुसार उपहार देकर बेटी को विदा करते थे।
लेकिन वर्तमान में यह महिलाओं की सबसे बड़ी पीड़ा हैं।
यह कुप्रथा देश के लगभग सभी हिस्सों में प्रचलित है। दहेज प्रणाली एक विशाल रूप धारण कर रही है।
आज हमारे समाज में न जाने कितनी कुप्रथायें है पनप रही है उनमें सबसे प्रमुख दहेज है।
अगर हम देखें तो कहीं ना कहीं कन्या भूण हत्या का सबसे बड़ा कारण दहेज है।
क्योंकि दहेज के कारण मां बाप अपनी बेटी को बोझ समझते हैं और जन्म लेने से पहले उसे मार दिया जाता है।
आंकड़े क्या कहते हैं:-👇
1. दहेज भारत में एक सामाजिक बुराई है!
भारत में कितना शर्मनाक है कि पिछले 3 वर्षों में लगभग 247710 दहेज की वहज से मौत हुई है।
2. आज वर्तमान में हर 90 मिनट में एक मासूम बेटी को अपनी जान गवानी पड़ती है!! क्यों दिन प्रतिदिन यह आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है एक कुप्रथा की वजह से ना जाने प्रतिदिन कितनी बेटियों को अपनी जान गवानी पड़ती है?
सरकार के प्रयास:-👇
दहेज निषेध अधिनियम, 1961
1. दहेज निषेध अधिनियम 1961 के अनुसार दहेज लेने, देने या इसके लेन-देन में सहयोग करने पर 5 वर्ष की कैद और 15,000 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।
2. दहेज के लिए उत्पीड़न करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए जो कि पति और उसके रिश्तेदारों द्वारा सम्पत्ति अथवा कीमती वस्तुओं के लिए अवैधानिक मांग के मामले से संबंधित है, के अन्तर्गत 3 साल की कैद और जुर्माना हो सकता है।
3. धारा 406 के अन्तर्गत लड़की के पति और ससुराल वालों के लिए 3 साल की कैद अथवा जुर्माना या दोनों, यदि वे लड़की के स्त्रीधन को उसे सौंपने से मना करते हैं।
4. इसी कड़ी में जनवरी 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हरियाणा के पानीपत से अपनी महत्वाकांक्षी योजना 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान की शुरुआत की।
लेकिनबढ़े ही यह आश्चर्य की बात है कि 21 वीं शताब्दी के इन दिनों में, हम अभी भी दहेज की अंधेरे गहराई में डूब गए हैं।
दहेज प्रथा समाज को दीमक की तरह खोखला कर दी जा रही है।
आखिर हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर रहे हैं इसमें केवल बुराइयां ही बुराइयां हैं..?
क्यों मासूम बेटियों को सिर्फ अपनी इच्छाओं की पूर्ति ना होने की वजह से जला दिया जाता है; उन्हें मार दिया जाता है..!
क्या हमने कभी सोचा है इसका दुष्परिणाम क्या हो सकता है..?
अब सच होगा सबका सपना..!
दहेज मुक्त होगा भारत अपना..!
आज वर्तमान में केवल संत रामपाल जी महाराज के तत्व ज्ञान से और उनके ज्ञान आधार से समाज में फैली दहेज जैसी कुरीति जड़ से समाप्त हो रही है। संत रामपाल जी महाराज जी शास्त्रों के अनुसार स्तभक्ति बताते हैं जिससे सभी बुराइयां समाप्त हो जाती हैं और हमारी मानसिकता पूरी तरह से बदल जाती है।
संत रामपाल जी महाराज जी की शरण में आओ और तत्वज्ञान को समझो ताकि ऐसी घटनाएं बंद हो।
संत रामपाल जी महाराज जी ने इस देश को दहेज मुक्त बनाने का बीड़ा उठाया है।
आज हमारा समाज ही नहीं पूरा देश इस कुप्रथा से ग्रसित है ।जब तक यह कुप्रथा मानसिकता से दूर नहीं होगी तब तक यह खत्म नहीं हो सकती.. और मानसिकता तत्वज्ञान से बदलेगी।
अब संत रामपाल जी महाराज के तत्व ज्ञान से दहेज जैसी कुप्रथा समाप्त होगी। एक सभ्य समाज का निर्माण होगा।
संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य ना दहेज देते हैं ना लेते हैं। संत रामपाल जी महाराज जी के शिष्य एक सभ्य समाज का निर्माण कर रहे हैं जो दहेज मुक्त है।
आज दहेज का लेनदेन एक बुराई है जो आपके और मेरे कहने और पढ़ने के साथ खत्म नहीं होगा। यह आध्यात्मिक ज्ञान के साथ खत्म हो सकता है।
संत रामपाल जी महाराज जी के सानिध्य में भारत दहेज मुक्त बनेगा।
संत जी एक सभ्य समाज का निर्माण कर रहे है!!!
संत जी के शिष्य समाज के लिए एक बहुत बड़ा उदाहरण है...!!!
तो संत रामपाल जी महाराज जी के तत्वज्ञान को समझें और एक सभ्य समाज बनाने में अपनी सहभागिता निभाएं।
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6 Comments
बहुत अच्छा लिखा है जी
ReplyDeleteहमारी सरकारों और देशवासियों को इस मुहिम में आगे आना चाहिए
सब मिलकर प्रयास करे तो देश से ये बीमारी दूर की जा सकती है।
ReplyDeleteयदि सभी भाई बहनों की सोच एक हो जाये और संत रामपालजी महाराज के इस नेक समाज सुधारक में सरकार और मानव समाज सहयोग करे तो देश का उज्जवल भविष्य और विकसित होता नजर आएगा
ReplyDeleteA great person is making #dowryfreeindia
ReplyDeleteMust watch sadhna TV every evening at 7:30 to 8:30.
Nice post
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छा संदेश दिया है जी
ReplyDeleteyou come and support me, we will make this earth heaven