संत कबीर साहेब

संत कबीर साहेब


आइये आज जानते है कबीर साहेब के बारे में......👇🏻👇🏻🙏🏻

कबीर एक संत या परमेश्वर

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कबीर साहिब को अधिकांश लोग 15 वीं शताब्दी के एक बेहतरीन कवि की तरह जानते हैं। और कुछ लोग कबीर साहेब को एक संत के रूप में देखते हैं।
अधिकांश लोगों का मानना है कि कबीर अनपढ़ थे लेकिन उनके द्वारा रचित ग्रंथ कबीर वाणी, कबीर बीजक , रमैनी आदि में जो ज्ञान है वह सभी बातें पवित्र वेदों, पवित्र पुराणों, पवित्र श्रीमद्भगवद्गीता तथा आधुनिक विज्ञान से भी एकदम मेल खाता है।
स्पष्ट है कि ज्ञान आधार से कबीर साहेब अनपढ़ थे यह बात मिथ्या सिद्ध होती है।
आइए अब बात करते हैं उस ज्ञान के जो सभी सतग्रंथों से मेल खाता है। कबीर साहेब कहते हैं ब्रह्मा विष्णु महेश अजर अमर नहीं है।

जिसका प्रमाण पवित्र श्रीमद् देवी पुराण ( श्रीमद देवी पुराण  के तीसरे स्कंध पृष्ठ 123) भी दे रही है और भी अनेक स्थानों पर कबीर साहेब ने वह बातें कही है जो वेद कहते हैं जबकि चलन परंपरा के अनुसार कबीर साहब अनपढ़ थे और वे वेदों को और पुराणों को नहीं पढ़ सकते थे इससे स्पष्ट है कि कबीर साहेब कोई आम इंसान नहीं थे।
कबीर साहेब कोई संत या कवि नहीं बल्कि अनंत कोटी ब्रम्हांड के स्वामी ने पूर्ण परमेश्वर है और इस बात का प्रमाण हमारे पवित्र सतग्रंथ दे रहे हैं।


कबीर साहेब कोई संत या कवि नहीं बल्कि अनंत कोटी ब्रम्हांड के स्वामी व् पूर्ण परमेश्वर है और इस बात का प्रमाण हमारे पवित्र सतग्रंथ भी दे रहे हैं।


प्रमाण के लिए देखिए:-👇🏻👇🏻

पवित्र वेदों में प्रमाण है कि कबीर साहिब भगवान है।



देखिए प्रमाण ऋग्वेद से:-👇🏻


1.
ऋज्ञवेद मण्डल न. 9 सूक्त 86 मन्त्र 26-27 , ऋज्ञवेद मण्डल न. 9 सूक्त 82 मन्त्र 1-2 , ऋज्ञवेद मण्डल न. 9 सूक्त 20 मन्त्र 1 में कहा है कि अपने निज लोक से गति करता हुआ आता है सशरीर पृथ्वी पर आता है।भक्तो के संकटो का नाश करता है। उसका नाम कविर्देव अर्थात कबीर परमेश्वर है।
2.ऋगवेद मण्डल 9 सूक्त 96 मन्त्र 17 से 20 में प्रमाण है कि पूर्ण परमात्मा कविर्देव (कबीर परमेश्वर) शिशु रूप धारण करके प्रकट होता है
3.ऋग्वेद मण्डल न. 8 सूक्त 43 मन्त्र 27 में लिखा है कि हे परमात्मा! आप मनुष्य सदृश सर्वांग युक्त साकार है।

देखिएप्रमाण यजुर्वेद से:-👇🏻👇🏻


1.कबीर साहेब पूर्ण परमात्मा है।
यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 32
2.परमात्मा सशरीर है।
1. यजुर्वेद अध्याय 1 मन्त्र 15
2. यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 1
3. यजुर्वेद अध्याय 5 मन्त्र 32
4. यजुर्वेद अध्याय 40 मन्त्र 8

3.परमात्मा तीन प्रकार के रूप में आते है इस पृथ्वी पर
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यजुर्वेद अध्याय  9 के सूक्त 1मंत्र  8 ,9 में प्रमाण है।
4.यजुर्वेद अध्याय 40 मन्त्र 10 में लिखा है पूर्ण परमात्मा की जानकारी धिराणाम(तत्त्वदर्शी सन्त) देता है।
5. पूर्ण सन्त की पहचान
देखे प्रमाण👇🏻
यजुर्वेद अध्याय 19 मन्त्र 25,26


और जब कबीर परमात्मा 600 वर्ष पहले आए थे तब उनके लाखों अनुयाई भी हुए थे और कबीर परमात्मा ने बहुत सारे चमत्कार भी किये थे।



कबीर साहेब वास्तविक अविनाशी स्थान सतलोक में रहते हैं।
कबीर साहेब 3 तरह से शरीर धारण करते हैं जैसा कि यजुर्व अध्याय 9 के सूक्त  1 मंत्र 8, 9 में प्रमाण है।

अब यह सिद्ध होता है कि आज तक हम जिन को भगवान मान रहे थे वह पूर्ण परमात्मा नहीं है। पूर्ण परमात्मा कबीर साहेब है। जिसका प्रमाण हमारे सभी पवित्र सदग्रंथ दे रहे हैं।
अगर हमें परमात्मा की गुणों का लाभ चाहिए तो उसके लिए हमें तत्वदर्शी संत की शरण में जाना होगा और पूर्ण संत की पहचान यजुर्वेद अध्याय 19 मंत्र 25, 26 में बताया गया है पूर्ण संत से नाम दीक्षा लेकर मर्यादा में रहकर भक्ति करने से ही हमें लाभ और हमारा पूर्ण मोक्ष होगा।


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